-बीपी श्रीवास्तव-

भोपाल। अपेक्स बैंक (मप्र राज्य सहकारी बैंक मर्यादित)  प्रबंधन गड़बड़ियों से सबक लेने के बजाय उन्हें दोहरा रहा है। ताजा मामला, बैंक में अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर है। जिसमें नियम-कायदों को एक बार फिर नजरअंदाज कर दिया गया है। जिन गड़बड़ियों के कारण दो साल पहले तत्कालीन प्रभारी प्रबंध संचालक ( एमडी) प्रदीप नीखरा के समय में प्रारंभ हुई भर्ती प्रक्रिया को खुद बैंक प्रशासक कमेटी ने निरस्त (26.07.2021) किया था। उसी तर्ज पर बैंक के वर्तमान प्रभारी एमडी पीएस तिवारी भर्ती प्रक्रिया को अंजाम देने का प्रयास कर रहे हैं। परिणिती देखिए, पूरा मामला, फिर लोकायुक्त में पहुंच गया है और इस गड़बड़ भर्ती प्रक्रिया का हर्ष भी पूर्व की तरह हो सकता है।

यह हुईं अनियमितताएं

उप महाप्रबंधक (3 पद) के पदों पर 50 प्रतिशत से अधिक का आरक्षण यानी तीन पदों में से दो पद आरक्षित। मैनेजर लाॅ (1पद), डिप्टी मैनेजर कृषि (1पद), डिप्टी मैनेजर भवन (1पद) और असिस्टेंट मैनेजर सुरक्षा (1पद) के पद पर शत-प्रतिशत आरक्षण कर दिया गया, जबकि एक पद पर आरक्षण नहीं होता। इसी तरह असिस्टेंट मैनेजर सामान्य (12 पद) के पदों पर 50 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित होना चाहिए यानी 6 पद महिलाओं के लिए आरक्षित होने थे, यहां 5 पद ही आरक्षित किए गए।

लोकायुक्त में शिकायत के तर्कः

पहला, बैंक का प्रबंध संचालक आरबीआई की गाइड लाइन के अनुसार योग्य नहीं है। जिसमें एमडी को कम से कम आठ वर्ष का उच्च प्रबंधन पद का अनुभव अनिवार्य है। जिसे प्रभारी एमडी पीएस तिवारी पूरा नहीं करते हैं। दूसरे, अपेक्स बैंक के सेवा नियमों में और स्टापिंग पैटर्न में प्रभारी प्रबंध संचालक नाम का कोई पद नहीं है। यानी नियुक्ति ही वैध नहीं है। तीसरा, बैंक में 13 मई 2015 से निर्वाचित संचालक मंडल नहीं हैं। शासकीय प्र्रशासक कार्यरत है। मप्र सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49 (7-ए) बी के तहत नियुक्त शासकीय प्रशासक का कार्यकाल अधिकतम एक वर्ष होने का प्रावधान है, राज्य सरकार एक वर्ष का एक्सटेंशन और कर सकती है ( यानी कुल दो वर्ष )। यहां करीब सात साल से शासकीय प्रशासक पदस्थ है। इस लिहाज से 13 मई 2017 के बाद के सभी निर्णय कानूनन निरस्ती योग्य हैं।

चैथा, 2020 में तत्कालीन प्रभारी एमडी प्रदीप नीखरा के कार्यकाल में भी इन्हीं गड़बड़ियों के कारण अधिकारियों के 29 और संवर्ग अधिकारियों क 75 पदों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करना पड़ा था। जांच, लोकायुक्त में लंबित है।

पांचवां, वर्तमान भर्ती प्रक्रिया में पदों में वृद्धि कर दी गई और योग्यता में कमी कर दी गई।

शिकायतकर्ताः

अपेक्स बैंक में सहायक प्रबंधक-सामान्य पदों पर की जा रही नियुक्ति की कार्यवाही को मप्र कांग्रेस सहकारिता प्रकोष्ठ के ग्वालियर जिलाध्यक्ष ब्रजकिशोर शर्मा ने 14 मई 2022 को लोकायुक्त में शिकायत की है और भर्ती प्रक्रिया में हो रही नियुक्तियों को अवैध बताया है।

आईबीपीसी पर भी सवालः

आईबीपीसी ने  बैंक की पिछली भर्ती प्रक्रिया में भी गड़बड़ियां की थीं, बावजूद इसके फिर से इसी एजेंसी को भर्ती की जिम्मेदारी दे दी। जबकि मप्र के पास पीएसी और कर्मचारी चयन आयोग जैसी एजेंसियां हैं। इनसे भर्ती कराई जा सकती है। पिछली बार आईबीपीसी ने भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों की मैरिट सूची जारी की थी, लेकिन इस बार (मई 2022 को परिणाम घोषित) ऐसा नहीं किया, जो प्रक्रिया पर संदेह पैदा करता है।

आयु सीमा का भी बड़ा लोचाः

देश और राज्य में बेरोजगारों की कमी नहीं है, बावजूद इसके बैंक के जारी विज्ञापन (25.01.2022) में आवेदकों की आयु सीमा 50 वर्ष तक कर दी गई। जबकि शासन में 50 साल की उम्र में अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रावधान है और अपेक्स बैंक सेवा नियम में भी यही प्रावधान लागू हैं। यहां बता दें, मप्र शासन में नियुक्ति की आयु 18-28 वर्ष है।

पासिंग मार्क भी कम किएः

बैंक भर्ती प्रक्रिया में अंग्रेजी भाषा के पेपर में पासिंग मार्क 30 प्रतिशत निर्धारित कर दिए, जबकि सामान्य रूप से कक्षा 5 से 12वीं तक की परीक्षाओं में पासिंग मार्क 33 प्रतिशत होना अनिवार्य है। असिस्टेंट मैनेजर सामान्य के 12 पदों में सामान्य ईडब्ल्युएस के लिए कोई आरक्षण नहीं किया गया, जबकि नियमानुसार 10 प्रतिशत पद आरक्षित होना अनिवार्य हैं।