भोपाल। देश का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित हॉकी टूर्नामेंट की कहानी बड़ी ही रोमांचकारी है। आजादी के पहले 1931 में भोपाल के नबाव औबेदुल्ला खां ने शिक्षा और खेलों के विकास एवं प्रोत्साहन के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया। उसी की एक मिसाल है औबेदुल्ला खां हॉकी टूर्नामेंट। उनके प्रोत्साहन से भोपाल की हॉकी को बड़ी ऊंचाईयां मिलीं और देश में भोपाल हॉकी का एक समय जबरदस्त जलवा रहा। इसी के चलते अब तक करीब दर्जनभर से ज्यादा खिलाड़ियों ने ओलंपिक, विश्वकप और तमाम अंतरराष्ट्रीय हॉकी टूर्नामेंट में भोपाली हॉकी की छाप छोड़ी।

भोपाल हॉकी को जब शोहरत मिली तो विवाद भी साथ में जुड़ते गए और एक समय ऐसा आ गया जब औबेदुल्ला गोल्ड कप हॉकी टूर्नामेंट के आयोजकों में नाम को लेकर खिंचतान प्रारंभ हो गई। लगभग 2012-13 में यह विवाद चरम पर पहुंच गया और जिसके चलते टूर्नामेंट बाधित और फिर सरकार ने इसके नाम में थोड़ा परिवर्तन कर यानी औबेदुल्ला खां गोल्ड कप हॉकी टूर्नामेंट की जगह औबेदुल्ला खां हेरिटेज कप हॉकी टूर्नामेंट कर दिया। इस नाम से पहली बार टूर्नामेंट 2016 में ऐशबाग स्टेडियम में आयोजित किया गया, जहां पुराने नाम से यह आयोजन वर्षों से होता रहा था। हालांकि नाम बदलाव के बाद भी सरकार इस टूर्नामेंट का आयोजन लगातार नहीं कर सकी। बदले हुए नाम के बाद से यह दूसरा मौका है जब इसका आयोजन खेल एवं युवा कल्याण विभाग यानी सरकार कर रही हैं। 2016 में इस टूर्नामेंट की चैंपियन भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन (बीपीसीएल) टीम बनी थी। इससे पूर्व 2011 में औबेदुल्ला खां गोल्ड कप  की अंतिम विजेता एयर इंडिया रही थी।