-गबन के दोषी पर कार्रवाई करने के बजाय रिटायरमेंट पर कर दिया मालामाल
- कोर्ट ने अपेक्स बैंक की टीटी नगर ब्रांच के पासिंग अफसर कुंदन नामदेव को पिछले साल मार्च में सुनाई थी सजा
भोपाल। अपेक्स बैंक, इससे संबद्ध बैंकों में होने वाले घोटालों का मददगार बन गया है। जो गबन, घोटाले और गड़बड़ियां करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर उन्हें आश्रय देने में लगा और सरकारी धन की बंदरबांट कर रहा है। ताजा प्रकरण, एक शिकायत के बाद सामने आया है। जिसमें अपेक्स बैंक मुख्यालय के ठीक नीचे वाले तल में अपेक्स बैंक की टीटी नगर ब्रांच संचालित है। जिसके दो अफसरों को करीब 23 लाख रूपए के गबन, धोखाधड़ी और बेईमानी करने के मामले में कोर्ट ने 13 मार्च 2021 को सजा सुनाई। इधर, अपेक्स बैंक के पूर्व और वर्तमान प्रभारी प्रबंध संचालकों सहित कई अफसरों ने सांठगांठ कर कोर्ट के निर्णय के अनुपालन में न तो दोषी अधिकारी को बर्खास्त किया और न ही रिटायरमेंट होने के समय गबन की गई राशि की वसूली की। कुंदन नामदेव को नौ माह तक लगातार वेतन भुगतान किया और अंत में करीब 50 लाख रूपए के स्वत्वों (एसग्रेसिया, पीएफ अंशदान एवं अन्य भत्ते) का भी भुगतान कर दिया। यहां बैंक सेवा नियम का भी उल्लंघन हुआ है। जिसमें कहा गया है- कोर्ट के आदेश दिनांक से कर्मचारी की बर्खास्तगी और वेतन की रिकवरी होना चाहिए।
अब मामला तूल पकड़ रहा है कि कोर्ट से दोषी ठहराए गए अपेक्स बैंक की टीटी नगर भोपाल ब्रांच के पासिंग अधिकारी (लेखाधिकारी) कुंदन सिंह नामदेव को भुगतान की गई करीब 69 लाख रूपए की राशि (ब्याज सहित) की वसूली जिम्मेदार अफसरों से की जाए और उनके खिलाफ निलंबन सहित कड़ी कार्रवाई की जाए।
पूरे प्रकरण में अपेक्स बैंक के प्रभारी प्रबंध संचालक पीएस तिवारी, पूर्व प्रभारी प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा और उप प्रबंधक विवेक मलिक (प्रभारी, प्रशासन एवं विधि कक्ष ) पहली नजर में कटघरे में हैं। जिन्होंने अपेक्स बैंक की टीटी नगर ब्रांच के लेखाधिकारी कुंदन नामदेव के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय मिलीभगत कर दोषियों को एक तरह से ईनाम देकर उपकृत कर दिया। गबन, धोखाधड़ी और बेईमानी के 2005 के एक मामले में 13 मार्च 2021 को चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश भोपाल श्रीमती पद्मा जाटव ने कुंदन सिंह नामदेव और अशोक कुमार जैन को दोषी करार दिया है। हालांकि सहायक प्रबंधक अशोक कुमार जैन का करीब दस साल पहले रिटायरमेंट के बाद निधन हो गया। जबकि 62 वर्षीय कुंदन सिंह नामदेव 31 दिसंबर 2021 यानी सजा के ठीक नौ माह बाद सेवानिवृत हुए हैं।
पीएम-सीएम और लोकायुक्त से कार्रवाई की मांगः
पूरे मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट और कांग्रेस सहकारिता प्रकोष्ठ ग्वालियर के जिलाध्यक्ष बृजकिशोर शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकायुक्त मप्र, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, नेता प्रतिपक्ष डाॅ. गोविंद सिंह सहित 15 एजेंसियों को शिकायत की है। जिसमें गबन के दोषी कुंदन सिंह नामदेव से सरकारी धन की वसूली न करने वाले अपेक्स बैंक के प्रभारी एमडी पीएस तिवारी, पूर्व एमडी प्रदीप नीखरा, उप प्रबंधक ( प्रशासन) विवेक मलिक सहित जिम्मेदार अफसरों को निलंबित करने तथा उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
क्या था मामलाः
प्रकरण वर्ष 2005 में कारित हुआ। जिसकी शिकायत 10 फरवरी 2006 में टीटी नगर थाना भोपाल में हुई। जिला सहकारी बैंक होशंगाबाद की हरदा शाखा से तीन डिमांड ड्राफ्ट कलेक्टिंग बैंक यूटीआई (यूनिट टस्ट आॅफ इंडिया) शाखा में भुगतान के लिए अपेक्स बैंक टीटी नगर भोपाल शाखा में (समाशोधन को) प्राप्त हुए। अपेक्स बैंक टीटी नगर में पदस्थ तत्कालीन पासिंग अधिकारी कुंदन सिंह नामदेव और अशोक कुमार जैन ने दो अन्य आरोपी (सीमा पाटिल व भावना काले) के साथ मिलकर 22, 92,235 रूपए का चूना लगा दिया। सीमा पाटिल के नाम से डीडी जारी हुए थे, जबकि भावना काले जिला सहकारी बैंक की हरदा शाखा में लिपिक हैं। हरदा ब्रांच से जारी हुए तीनों डीडी पर कूटरचना कर क्रमशः 700 रूपए को 7, 00,015 रूपए, 7000 रूपए को 7,00,070 रूपए और 900 रूपए को 9,00,750 रूपए (अंकों और शब्दों में) कर लिया और भुगतान करा दिया। जबकि डीडी जारी करने वाली बैंक को एक लाख रूपए से ज्यादा के डीडी जारी करने की पात्रता ही नहीं थी। इसके अलावा डीडी पर प्लास्टिक की स्ट्रिप भी नहीं लगाई गई और डीडी पंच भी नहीं किया गया था। इसके अलावा डीडी पर राशि लिखने में खूब ओवरराइटिंग हुई थी। जिसे कुंदन सिंह और अशोक जैन ने नजर अंदाज कर दिया था। 2015 में मामला कोर्ट में पहुंचा और 13 मार्च 2021 को कोर्ट ने कुंदन सिंह नामदेव और अशोक कुमार जैन को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
सलाह के बाद कार्यवाही करेंगे:
मामले की शुरूआत (2006) में टीटी नगर भोपाल थाना पुलिस ने बैंक को लिखकर दे दिया था कि इस प्रकरण में बैंक का कोई रोल नहीं है। हालांकि शिकायतकर्ता अपेक्स बैंक टीटी नगर ब्रांच ही है। 13 मार्च 2021 को कोर्ट से आदेश की जानकारी भी न तो थाने से मिली और न ही दोषी अधिकारियों कुंदन सिंह नामदेव ने दी। मामला शिकायत के बाद सामने आया है, अब बैंक के लीगल एडवाजर से सलाह के बाद कार्यवाही करेंगे।
केके द्विवेदी,
ओएसडी (प्रशासन) अपेक्स बैंक, भोपाल
एजीएम (कार्मिक प्रशासन ) आरएस चंदेल की जिम्मेदारी :
मामला चार-पांच दिन पहले की संज्ञान में आया है। कोर्ट और पुलिस से लेखाधिकारी कुंदन सिंह नामदेव व सहायक प्रबंधक अशोक कुमार जैन की सजा के बारे में कोई जानकारी विधिवत नहीं मिली थी एजीएम (कार्मिक प्रशासन ) आरएस चंदेल की जिम्मेदारी थी। उन्हें मामला देखना था। पूरे मामले की फाइल मंगाई है। दोनों कर्मचारियों से वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
पीएस तिवारी,
प्रभारी प्रबंध संचालक, अपेक्स बैंक भोपाल
अपेक्स बैंक भ्रष्टाचार का अड्डा:
सहकारिता को नेताओं और अफसरों ने मिलकर बर्बाद कर दिया है। अपेक्स बैंक भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। जो अफसर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार कर सकते हैं। उन्हें की यहां पदस्थ किया जाता है। बैंक बंद होने की कगार पर हैं। ताजा मामला, अपेक्स बैंक के आला अफसरों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं हो सकता था। दोषियों को पहले चालान पेशी के वक्त बचाया, फिर सजा के आर्डर को दबाए रखा और दोषी कुंदन नामदेव को चुपचाप से रिटायरमेंट दे दिया। मामला सुर्खियों में आने के बाद भी दोषियों के खिलाफ एफआईआर नहीं होना खुद-ब-खुद साजिश को वयां कर रहा है।
बृजकिशोर शर्मा
शिकायकर्ता एवं जिलाध्यक्ष, सहकारिता प्रकोष्ठ ग्वालियर
…और बैंक प्रशासक ने फोन काट दिया
अपेक्स बैंक के प्रशासक और आयुक्त सहकारिता संजय गुप्ता से जैसे की अपेक्स डीडी घोटाले की चर्चा करनी चाही, वैसे ही उन्होंने फोन काट दिया और उसके बाद मोबाइल स्विचआफ कर लिया।